हर किसी को व्यायाम के लिए समय निकालना चाहिए..! Fitness. Motivation by श्री. संतोषराव शिंदे।

डिजीयुगंधरा (DgYugandhara)
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DgYugandhara Fit India Movement.

Fit India Movement by श्री. संतोषराव शिंदे.

हर किसी को व्यायाम के लिए समय निकालना चाहिए! जानिए क्यों व्यायाम हमारे जीवन का सबसे ज़रूरी हिस्सा है और कैसे रोज़ाना के 30 मिनट आपके शरीर, मन और जीवन को बदल सकते हैं।श्री. संतोषराव शिंदे द्वारा फिटनेस गाइड, सिर्फ DgYugandhara पर।

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आज के युग में जब जीवन की रफ्तार बहुत तेज़ हो चुकी है, हर व्यक्ति अपनी ज़िम्मेदारियों और महत्वाकांक्षाओं में इस कदर व्यस्त हो गया है कि अपने शरीर और स्वास्थ्य की ओर देखने का समय ही नहीं बचा है। लेकिन सच यह है कि जीवन का सबसे बड़ा धन अच्छा   स्वास्थ्य है। स्वस्थ शरीर के बिना न तो कोई सफलता टिकती है और न ही कोई सुख मिलता है।

इसी संदर्भ में शरीरसौष्ठव क्षेत्र के जानकार,  प्रशिक्षक और मास कंसल्टंट  :श्री. संतोषराव शिंदे '  का यह विचार अत्यंत प्रेरणादायक है कि “हर व्यक्ति को अपनी दिनचर्या में व्यायाम के लिए निश्चित समय निकालना चाहिए, क्योंकि स्वस्थ शरीर ही खुशहाल जीवन की नींव है।”

श्री संतोषराव  शिंदे एक दर्शन-आधारित परामर्शदाता, विश्लेषक और सामाजिक चिंतक हैं।उन्होंने मानव मन, बुद्धि, चेतना और स्वास्थ्य पर गहन अध्ययन करके
“सकारात्मक विचार और मानसिक संतुलन के माध्यम से जीवन परिवर्तन” का संकल्प अपनाया है। उनके अनुसार आज की युवा पीढ़ी को शरीर के साथ-साथ मन की भी मजबूती के लिए व्यायाम आवश्यक है।


🌤️ आधुनिक जीवन की व्यस्तता और उसका प्रभाव

हमारा जीवन मशीनों पर निर्भर हो गया है। सुबह से लेकर रात तक हम मोबाइल, कंप्यूटर, टीवी और गाड़ियों में इतने व्यस्त रहते हैं कि शरीर को गतिशील रखने का मौका ही नहीं मिलता। यह निष्क्रिय जीवनशैली कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे रही है — मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और मानसिक तनाव जैसी समस्याएँ बढ़ती जा रही हैं।

संतोषराव का मानना है कि “व्यायाम कोई फैशन नहीं, बल्कि जीवन का आवश्यक हिस्सा होना चाहिए।” आजकल की पीढ़ी जिम या योगा को केवल दिखावे के लिए अपनाती है। कुछ दिन जोश में जाती है, फिर छोड़ देती है। लेकिन शरीरसंपदा के लिए निरंतरता ही सबसे महत्वपूर्ण है।


🧘‍♀️ व्यायाम का असली उद्देश्यः

व्यायाम का मतलब केवल मांसपेशियाँ बनाना या वजन घटाना नहीं है। इसका मुख्य उद्देश्य शरीर को सक्रिय और मन को शांत रखना है। जब शरीर में ऊर्जा प्रवाहित होती है, तो आत्मविश्वास भी बढ़ता है। नियमित व्यायाम करने वाला व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में सफल होता है — चाहे वह विद्यार्थी हो, कर्मचारी हो या गृहस्थ। “जो व्यक्ति सुबह उठकर  आधा घंटा भी   व्यायाम और ध्यान, धारणा पर देता है, वह पूरे दिन ताजगी महसूस करता है।”

आजकल के युवाओं को यह समझने की ज़रूरत है कि टीवी, मोबाइल और सोशल मीडिया पर घंटों बिताने की बजाय अगर वे केवल 30 मिनट व्यायाम करें तो उनका स्वास्थ्य, मनोबल और कार्यक्षमता तीनों बढ़ेंगे।


🥗 आहार और व्यायाम का संतुलनः

सिर्फ व्यायाम ही नहीं, बल्कि संतुलित आहार भी उतना ही आवश्यक है। शरीर की ऊर्जा बनाए रखने के लिए प्राकृतिक आहार लेना चाहिए। फल, सब्जियाँ, अंकुरित अनाज और पर्याप्त पानी – ये सभी शरीर को स्वच्छ और सक्रिय रखते हैं। तले-भुने और जंक फूड से दूरी बनाए रखना भी उतना ही ज़रूरी है।

संतोषराव बताते है कि “शरीर को जैसा ईंधन दोगे, वैसा ही परिणाम मिलेगा।” यदि हम शरीर को अपशिष्ट और असंतुलित आहार देंगे तो बीमारी अवश्य बढ़ेगी।


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🏋️‍♂️ व्यायाम के प्रकार और लाभः

हर व्यक्ति की उम्र, समय और क्षमता के अनुसार व्यायाम अलग-अलग हो सकते हैं। युवा वर्ग के लिए दौड़ना, साइक्लिंग, तैराकी, पुशअप्स और योगासन श्रेष्ठ हैं।
मध्यम आयु वर्ग के लोगों के लिए प्राणायाम, सूर्य नमस्कार, हल्की स्ट्रेचिंग और टहलना लाभदायक है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए ध्यान, धीमी चाल में चलना और श्वसन क्रियाएँ उत्तम हैं।

इन सभी व्यायामों का मुख्य उद्देश्य शरीर की लचीलापन, हृदय की मजबूती, रक्त संचार में सुधार और मानसिक शांति लाना है।


🌞 प्रकृति के साथ व्यायाम का महत्वः

आज हम जिम की चारदीवारी में शरीर को मजबूत करने की कोशिश करते हैं, लेकिन प्राकृतिक वातावरण में व्यायाम का आनंद कुछ और ही है। सुबह की ताज़ी हवा में टहलना, पार्क में योग करना, या खुले मैदान में खेलना – यह शरीर को ऑक्सीजन के साथ सकारात्मक ऊर्जा भी देता है।

संतोषराव कहते हैं कि “व्यायाम केवल शरीर का नहीं, मन का भी होता है। जब मन प्रसन्न होता है, तो शरीर खुद स्वस्थ रहने लगता है।”


💪 अनुशासन और निरंतरता ही सफलता की कुंजी

बहुत से लोग नए साल या किसी प्रेरक घटना के बाद व्यायाम शुरू करते हैं, लेकिन कुछ ही दिनों में छोड़ देते हैं। यही सबसे बड़ी गलती है। व्यायाम तभी असर दिखाता है जब उसे निरंतरता और अनुशासन के साथ किया जाए।सफल खिलाड़ी या स्वस्थ व्यक्ति वही होता है जो अपने रूटीन को कभी नहीं तोड़ता।
“Consistency is more powerful than intensity.”
अर्थात, रोज़ाना थोड़ा-थोड़ा व्यायाम करना कभी-कभी ज़्यादा करने से बेहतर है।


🧠 मानसिक स्वास्थ्य पर व्यायाम का प्रभावः

वैज्ञानिकों के अनुसार, व्यायाम करने से मस्तिष्क में “एंडोर्फिन” नामक हार्मोन सक्रिय होते हैं जो खुशी और शांति का अनुभव कराते हैं। नियमित व्यायाम करने वाले व्यक्ति तनाव, चिंता और अवसाद से दूर रहते हैं।
शारीरिक ऊर्जा के साथ मानसिक दृढ़ता भी बढ़ती है। इसलिए स्कूलों, कॉलेजों और कार्यस्थलों में शारीरिक गतिविधियाँ अनिवार्य की जानी चाहिए।


🚴‍♂️ युवाओं के लिए प्रेरणाः

आज की युवा पीढ़ी को यह समझना होगा कि शरीरसंपदा केवल बॉडी बिल्डिंग नहीं है, बल्कि संपूर्ण व्यक्तित्व निर्माण है।
संतोषराव शिंदे जैसे व्यक्तित्वों ने अपने जीवन से यह अनुभव किया है कि, शारीरिक शक्ति ही आत्मविश्वास और नेतृत्व की जड़ है।
फिटनेस केवल दिखावे के लिए नहीं, बल्कि खुद के आत्मसम्मान और समाज के लिए भी आवश्यक है।


🌺 समापन विचारः

अंततः, व्यायाम कोई विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता है।आपकी दिनचर्या चाहे कितनी भी व्यस्त क्यों न हो, अपने शरीर को रोज़ कुछ समय अवश्य दें। रोज़ाना आधा घंटा चलना, दौड़ना, योग या प्राणायाम – ये आपके जीवन की सबसे बड़ी निवेश हैं। जैसा कि संतोषराव कहते हैं – 

"अगर आप अपने शरिर को वक्त नही दोगे, तो एक दिन शरीर आपको मजबूर कर देगा।" 

तो आज ही संकल्प लें – “स्वस्थ रहना ही असली सफलता है।”  और उसके लिये हररोज जुडे रहिये "डिजीयुगंधरा" के साथ और पायिये Mind, Body and Spirit - Fitness ज्ञान.


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